Pathri ki Dawa

Pathri Ki Dawa पथरी की दवा और देसी नुख्से

 

Pathri ki Dawa खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान की आदत के कारण शरीर को कई बीमारियां घेर लेती हैं. इन्हीं में से एक है किडनी का स्टोन. आज के समय में बहुत बड़ी संख्या में लोग पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं. इस दौरान पेट में होने वाला दर्द बार्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो जाता है. अगर स्टोन कम बने हैं तो ये यूरिन के रास्ते आसानी से बाहर निकल जाते हैं. लेकिन अगर इनकी संख्या ज्यादा है तो शरीर पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है. किडनी की छोटी पथरी को दवाओं और नेचुरल चीजों की सहायता से निकाला जा सकता है. इसके लिए नियम और परहेज के साथ-साथ थोड़े से धैर्य की जरूरत होती है. अगर आप चाहते हैं कि पथरी में आपको ज्यादा समस्या न हो या ये नेचुरल तरीके से बाहर निकल जाते है.

 

पथरी होने के कारण– Causes Of Stone in Body

 

  • पेशाब में जब पथरी बनाने वाले पदार्थ जैसे कि यूरिक एसिड, कैल्शियम, ऑक्स्लेट की मात्रा जरुरत से अधिक बढ़ जाती है और फिर किडनी इन्हें बाहर निकालने में असमर्थ हो जाती है तब ये किडनी में ही एकत्रित होने लगते है जो धीरे धीरे पथरी का रूप ले लेते हैं.
  • जब हमारे शरीर में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा हो जाती है तब किडनी स्टोन की समस्या उत्पन्न हो सकती है.
  • पानी कम पीना, यूरिन में इन्फेक्शन होना, पेशाब रोकना और पेशाब होने वाली दवाइयों का सेवन करने से किडनी में पथरी होने की सम्भावना बढ़ जाती है
  • पित की पथरी का मुख्य कारण कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी हो सकता है.

 

पथरी रोग के लक्षण– Symptoms Of Stone in Body

 

  • पथरी की समस्या शरीर के किस अंग में हो सकती है, इसका सबसे पहला लक्षण है तेज दर्द का होना.
  • गुर्दे की पथरी के शुरूआती दौर में पीठ दर्द की समस्या उत्पन्न होती है और फिर आगे की तरफ पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है जो धीरे-धीरे जांघों की तरफ बढ़ने लगता है.
  • पेशाब में खून का आना पथरी के लक्षणों में से एक मुख्य है.
  • यूरिन में इन्फेक्शन, बुखार आना और कपकपी होना भी स्टोन के लक्षण में से एक है.
  • पेशाब का रुक-रुक कर आना या पेशाब बार-बार आना pathri ke lakshan हैं.
  • पेशाब में बदबू आना, जलन और दर्द महसूस होना ये पथरी होने के लक्षण होते हैं
  • पित की पथरी होने पर कुछ लोगों को पेट में तेज दर्द का होना और साथ ही  उल्टी होने लगती है, इसके इलावा ठीक तरह से खाना न पचना और पेट में भारीपन महसूस होना Gallbladder Stone के मुख्य लक्षण है.
  • लगातार दस्त और उल्टी होना और उल्टी के कारण अत्यधिक थकान एवं बेचैनी महसूस करना पथरी होने के लक्षण है
  • पतंजलि की पथरी की दवा Pathri ki Dawa – खाने पीने का सही तरीका न होना या अनियमित दिनचर्या के कारण पथरी की समस्या का कारण हो सकता है.  पथरी की समस्या किसी को भी हो सकती है और अधिकतर लोगो को गुर्दे की पथरी, पित की पथरी और यूरिनरी स्टोन की समस्या होती है.  पथरी से छुटकारा पाने के लिए कुछ लोग मेडिसिन लेते है और कुछ लोग ऑपरेशन करवाते है.  लेकिन हम इस पोस्ट में आपको पथरी की दवा पतंजलि और आयुर्वेदिक तरीके बताएँगे जो कि किडनी की पथरी, पित्त की पथरी या यूरिनरी स्टोन के लिए रामबाण सिद्ध होगी|
  • पथरी का आकार भी अलग-अलग लोगो में अलग-अलग होता है जैसे कि 1 mm, 3 mm और कुछ लोगो में तो 8 mm से ज्यादा भी पथरी का आकार हो सकता है. पथरी का इलाज, उसका कारण और किस स्थान पर हुई है सभी की जानकारी ध्यान में रखकर किया जाता है.

 

पतंजलि की पथरी की दवा– Pathri Ki Dawa Patanjali

 

    • पथरी का आयुर्वेदिक तरीके से इलाज करना चाहते है तो बाबा रामदेव की पथरी की दवा Pathri ki Dawa पतंजलि ले सकते हैं. आयुर्वेदिक दवा Ayurvedic Dawa अपने नजदीकी बाबा रामदेव पतंजलि स्टोर से ले सकते है. ये दवाइयां पित्त की पथरी, किडनी की पथरी निकालने व दर्द कम करने में मददगार साबित होती है.
    • पथरी की दवा पतंजलि Pathri ki Dawa Patanjli में दिव्य अश्मरीहर रस Divya Ashmarihar Ras का उपयोग कर सकते हैं. ये आयुर्वेदिक दवा Ayurvedic Dawa पथरी को तोड़ कर पेशाब के रास्ते से बाहर निकालने में मदद करती है.
    • किडनी की पथरी को बाहर निकालने के लिए पतंजलि की पथरी की दवा दिव्य वृक्कदोषहर क्वाथ Divya Vrikkdoshhar Kwath का उपयोग कर सकते है. इसके तीखे स्वाद को कम करने के लिए इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन किया जा सकता हैं.

 

DIVYA VRIKKDOSHHAR KWATH

 

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  • गुर्दे की पथरी को बाहर निकालने के लिए पतंजलि की पथरी की दवा दिव्य लिथोम Divya Lithom का उपयोग कर सकते है. यह दवा पथरी बाहर निकलने के साथ-साथ पेट में जलन और गुर्दे संबंधित रोगों को ठीक करने में सहायता प्रदान करती है.
  • किडनी स्टोन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए पतंजलि की पथरी की दवा दिव्य गोखरू क्वाथ Divya Gokhru Kwath का उपयोग कर सकते है. यह दवा पथरी बाहर निकालने के साथ-साथ यूरिनरी डिजीज और किडनी डिसऑर्डर को दूर करने में मदद करती है.
  • बाबा रामदेव के आयुर्वेदिक नुस्खे में कुल्थी की दाल खाने से पथरी निकालने में काफी लाभ मिलता है. 1 से 2 चम्मच कुल्थी की दाल लीजिये और इसे 1 गिलास पानी में डालकर उबाल लें, पानी जब 50 ग्राम रह जाए तब छान कर पीने से पथरी के रोगियों को बहुत आराम मिलता है.
  • पथरी के रोगियों को प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए. प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम करने से पथरी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है.
  • पित्त की पथरी होने का एक मुख्य कारण कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना हो सकता है. कपालभाति योग करने से कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल में बना रहता है.

 

पथरी का इलाज और घरेलू नुख्से– Pathri Ki Ayurvedic Dawa aur Gharelu Nukhshe

 

  • पथरी के दर्द से छुटकारा पाने के लिए अजवाइन को पानी में उबालकर और उसे छानकर पी लीजिये. यह आसान तरीका है पथरी के दर्द से राहत पाने के लिए.
  • नीबू का पानी पीने से तुरंत पथरी के दर्द से आराम मिलता है.  नीबू में सिट्रिक एसिड की मात्रा पायी जाती है जो शरीर में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायता करता है.
  • प्याज का रस निकालकर उसमे शक्कर मिलाकर पीने से स्टोन की समस्या से राहत मिलती है.  प्याज में विटामिन बी और पोटेशियम की अत्यधिक मात्रा पायी जाती है और यह पथरी को रोकने के लिए असरदार है.
  • पथरी के दर्द से तुरंत छुटकारा पाने के लिए एलोवेरा बहुत लाभकारी साबित होता है. पथरी के दर्द को रोकने के लिए अलोवेरा का जूस लें.
  • पथरी के रोगियों को केले का उपयोग करना चाहिए.  केले में आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते है जो पथरी को नियंत्रित करने में सहायता करते है.

 

किडनी में पथरी का इलाज– Kidney Stones Treatment in Ayurveda

 

  1. पथरी की समस्या में राहत के लिए अनार एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. इसका जूस पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती और यह नेचुरल तरीके से किडनी स्टोन में राहत दिलाता है.
  2. बड़ी इलायची के दानों को पीसकर पाउडर बनाएं, 1 छोटा चम्मच पाउडर एक गिलास पानी में मिला लें और इसमें 1 छोटा चम्मच मिश्री और कुछ खरबूजे के बीज डालकर रातभर भिगोएं. सुबह इसमें पड़ी सभी चीजों को अच्छे से चबाकर खा लें और सारा पानी पियें, इससे आपको आराम मिल सकता है.
  3. पत्थर चट्टा का पौधा बहुत आसानी से मिल जाता है. इसका एक पत्ता लें और उसमें मिश्री के कुछ दाने डालकर पीसें. दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करें स्टोन कुछ ही समय में बाहर निकल जाता है.
  4. नींबू का रस पथरी को तोड़ने का काम करता है और जैतून का तेल इसे बाहर निकालने में मददगार साबित होता है. एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ें और इसमें थोड़ा सा जैतून का तेल डालकर इसे अच्छे से मिलाकर पिएं. ऐसा करने से कुछ ही दिनों में पथरी निकल सकती है.
  5. किडनी में पथरी के इलाज में मूली के साथ आवले का चूर्ण का सेवन कीजिये.
  6. गुर्दे की पथरी के देसी उपाय में यह है कि ज्यादा से ज्यादा पानी पीयें. पथरी निकलने के लिए  रोजाना 5-6 लीटर पानी पीयें. पानी पीने से किडनी की पथरी टूटकर पेसाब नली के रास्ते बाहर निकल जायेगी.
  7. गेंहू के ज्वारें या व्हीटग्रास को पानी में उबाल लीजिये अब ठंडा होने के बाद छानकर पी लीजिए किडनी स्टोन से राहत मिलती है.
  8. बेल पत्र के साथ काली मिर्च का उपयोग करने से किडनी की पथरी का इलाज हो जाता है.
  9. अंगूर का सेवन कीजिये क्योंकि इसमें पोटैसियम मौजूद होता है और गुर्दे की पथरी ठीक करने के लिए अच्छा श्रोत है.

 

पित्त की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज– Ayurvedic Treatment for Gallbladder Stone in Hindi

 

कोलेस्ट्रॉल के जमने या सख्त होने से पित्त की थैली में पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है. पित्त में पथरी होने पर लगभग सभी डॉक्टर्स का कहना हैं कि इसे बिना ऑपरेशन के निकालना संभव नहीं है. अगर आपको भी पथरी की समस्या हैं और आप ऑपरेशन का मन बना चुके है तो पहले नीचे बताये गए उपायों को जरुर देखे संभव है कि पथरी निकल जाये.

  1. पथरी को जड़ से खत्म करना है तो इसके लिए कुलथी की दाल का उपयोग करना चाहिए. डॉयटीशियन बतातें है कि कुलथी उड़द के समान होती है. यह देखने में लाल रंग की होती है, इसकी दाल बनाकर पथरी के रोगी को दी जाती है. इसे पूरी तरह से पथरीनाशक बताया जाता है. गुर्दे की पथरी और पित्‍ताशय की पथरी के लिए यह बहुत फायदेमंद औषधि है. आयुर्वेद में गुणधर्म के अनुसार कुलथी की दाल में विटामिन ए पाया जाता. यह शरीर में विटामिन ए की पूर्ति कर पथरी को रोकने में मददगार साबित होती है.
  2. आपको बता दें कि पथरी को जड़ से खत्म करने के लिए 25 ग्राम कुलथी की दाल को 400 मिलीलीटर पानी शेष बचने पर 50-50 मिलीलीटर सुबह और शाम एक महीना रोगी को पिलाने से पेशाब के रास्ते से निकल जाती है. इसके उपयोग से पथरी टूट कर या घुल कर छोटी होती है, जिससे पथरी सरलता से मूत्राशय के रास्‍ते से बाहर आ जाती है.
  3. सेब के सिरके में सिट्रिक एसिड पाया जाता है, जो किडनी स्टोन को छोटे-छोटे कणों में तोड़ने का काम करता है। दो छोटे चम्मच सिरके को गर्म पानी के साथ लेने से स्टोन की समस्या में काफी आराम मिलता है. 1 चम्मच सेब का सिरका 1 गिलास सेब के जूस में मिलाकर दिन में 2 बार पीने से पित की पथरी भी निकल जाती है.
  4. पुदीना एक उत्तम घरेलु औषधि है जो गॉल ब्लैडर स्टोन को निकालने का अचूक उपाय है. पुदीने की ताज़ी या सुखी पत्तियां पानी में डालकर उबालें. इसे गुनगुना होने के बाद साफ़ कपडे से छान लें फिर इसमें थोड़ा शहद मिलाकर पीने से फायदा मिलेगा.
  5. 1 गिलास नाशपाती का जूस और उसमे 2 चम्मच शहद 1 गिलास गरम पानी में मिला कर उपयोग करें. ऐसा दिन में 3 बार करें पित्त की पथरी में आराम मिलेगा.
  6. 1 खीरा, 4 गाजर और 1 चुकंदर को लेकर जूस बना लीजिये और रोजाना इस जूस को 2 बार पीने से पित्त की पथरी में आराम मिलेगा.

 

पथरी के उपचार में क्या परहेज करने चाहिए

 

Pathri ke Upchar me Kya Parhej Karen

 

पथरी ग्रसित रोगियों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इस बात की सही जानकारी होना बहुत जरुरी होता है. तभी पथरी को बढ़ने से रोककर इसे जड़ से ख़त्म कर किया जा सकता है.

  • पथरी के रोगी चूना खाने से परहेज अवश्य करें. अगर आप पान खाने के शौकीन है तो बिना चुने वाला पान ही  खाएं.
  • बीज वाले फल और सब्जियों का अधिक उपयोग ना करें
  • गुर्दे की पथरी वाले रोगी नॉन वेज, प्रोटीन न खाए या कम मात्रा में उपयोग करें. क्योंकि इससे यूरिक एसिड स्टोन और कैल्शियम स्टोन होने का खतरा अधिक हो जाता है. मांस मछली मे कैल्शियम और प्रोटीन अधिक मात्रा में होते है इसलिए जिन लोगो को पथरी की परेशानी है उन्हें नहीं खाना चाहिए.
  • गाजर, चना, नारियल पानी, केला, राजमा और करेला खाने से पथरी के रोगियों को आराम मिलता है, ये सब पथरी बढ़ने से रोकते है.
  • पित की पथरी के रोगियों को तेज मसालेदार और वसा युक्त खाने दूरी बना लेनी चाहिए.
  • रोजाना खाने में विटामिन सी Vitamin C अधिक मात्रा में ले.

मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको यह पोस्ट पथरी की दवा पतंजलि Pathri Ki Dawa Patanjali जरुर पसंद आयी होगी. इस पोस्ट में दी गई सारी जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. इसलिए इस पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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