पतंजलि में दांत दर्द की दवा

पतंजलि में दांत दर्द की दवा

पतंजलि में दांत दर्द के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाएं और उत्पाद उपलब्ध हैं, जो प्राकृतिक जड़ी-बूटियों पर आधारित हैं. पतंजलि में दांत दर्द की दवा में कुछ प्रमुख उत्पाद और उपाय निम्नलिखित हैं:

  1. दिव्य दंत मंजन
  • यह आयुर्वेदिक मंजन दांतों को मजबूत बनाता है और दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन और बैक्टीरिया के कारण होने वाली समस्याओं में राहत देता है.
  • इसे रोज सुबह और रात को दांतों पर हल्के से मलकर उपयोग करें।
  1. दिव्य दंतकांति टूथपेस्ट
  • यह टूथपेस्ट दांत दर्द, सेंसिटिविटी और मसूड़ों की समस्याओं के लिए फायदेमंद है।
  • इसे नियमित रूप से सुबह-शाम ब्रश करने के लिए उपयोग करें.
  1. दिव्य कुंजलु थैलम (तेल)
  • इस तेल से गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से दांत दर्द और मसूड़ों की सूजन में राहत मिलती है.
  1. दिव्य पीड़ान्तक तेल
  • दांत दर्द की समस्या में इस तेल को रुई में लगाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं.
  1. त्रिफला चूर्ण
  • त्रिफला चूर्ण से गुनगुने पानी में कुल्ला करने पर दांतों और मसूड़ों में जमी गंदगी साफ होती है और दर्द में आराम मिलता है.

कुछ घरेलू उपाय:

लौंग का तेल: दांत दर्द वाली जगह पर लौंग का तेल लगाएं। यह दर्द को कम करने में मदद करता है.

गर्म पानी और नमक का कुल्ला: गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ला करें। यह संक्रमण और सूजन को कम करता है.

हल्दी और सरसों का तेल: हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर दांतों पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है.

यदि दर्द ज्यादा बढ़ रहा हो तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें.

दांत दर्द से राहत के लिए अतिरिक्त सुझाव:

  1. नीम की दातून:

नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। रोजाना नीम की दातून का इस्तेमाल करने से दांत मजबूत होते हैं और दर्द में आराम मिलता है.

  1. तुलसी के पत्ते:

तुलसी के पत्तों को चबाने या उनका रस दर्द वाली जगह पर लगाने से दांत दर्द में राहत मिलती है.

  1. लहसुन:

लहसुन में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं। लहसुन को पीसकर उसमें थोड़ा नमक मिलाकर दर्द वाली जगह पर लगाएं.

  1. आंवला:

आंवला खाने से दांत मजबूत होते हैं और दर्द में कमी आती है। आप आंवला पाउडर को पानी में घोलकर माउथवॉश के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

  1. सरसों का तेल और सेंधा नमक:

सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर दांतों और मसूड़ों पर मालिश करने से दर्द और सूजन में आराम मिलता है.

विशेष सावधानियां:

  • दांतों की नियमित सफाई करें और गुनगुने पानी से कुल्ला करें।
  • ज्यादा ठंडा या गर्म खाना-पीना दांत दर्द को बढ़ा सकता है, इसलिए इससे बचें.
  • मीठे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन न करें, क्योंकि यह दांतों की सड़न का कारण बन सकता है.
  • यदि दर्द लगातार बना रहे और घरेलू उपायों से आराम न मिले, तो तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करें.

पतंजलि के उत्पाद प्राकृतिक और आयुर्वेदिक हैं, लेकिन इनका उपयोग करते समय उत्पाद पर दिए गए निर्देशों का पालन करें.

दांत दर्द की समस्या से बचने के लिए स्वस्थ आदतें अपनाएं:

  1. दैनिक दांतों की सफाई:
  • दिन में कम से कम दो बार ब्रश अवश्य करें.
  • ब्रश करने के लिए मंजन या आयुर्वेदिक टूथपेस्ट का उपयोग करें.
  • हर भोजन के बाद माउथवॉश या गुनगुने पानी से कुल्ला करें।
  1. फ्लॉस का उपयोग:
  • फ्लॉस का उपयोग करके दांतों के बीच फंसे खाने के कणों को हटाएं.
  • यह दांतों में कैविटी और बैक्टीरिया के जमाव को रोकने में मदद करता है.
  1. संतुलित आहार:
  • कैल्शियम और विटामिन-डी युक्त भोजन का सेवन करें, जैसे दूध, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां.
  • मीठे और चिपचिपे खाद्य पदार्थों का सीमित मात्रा में करें.
  1. धूम्रपान और शराब से बचें:

धूम्रपान और शराब मसूड़ों की बीमारी और दांतों की कमजोरी का कारण बन सकते हैं.

  1. नियमित डेंटल चेकअप:
  • हर छह महीने में एक बार डेंटिस्ट से दांतों की जांच करवाएं
  • शुरुआती समस्या का पता चलने पर उसे तुरंत इलाज करवाएं.

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से दांतों का ध्यान रखना:

  • आयुर्वेद में दांत और मसूड़ों की देखभाल के लिए नीम, बबूल, दारुहल्दी, लौंग, और त्रिफला जैसी जड़ी-बूटियों को उपयोगी माना गया है
  • दांतों के दर्द को शांत करने के लिए नियमित रूप से आयुर्वेदिक तेल से मसूड़ों की मालिश करें.

जब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी हो:

  • अगर दांत दर्द लंबे समय तक बना रहे.
  • सूजन, बुखार, या मुँह खोलने में कठिनाई हो.
  • खून आना या पस बनना शुरू हो जाए.

यह याद रखें कि आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय शुरुआती दर्द और सामान्य समस्याओं के लिए प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में चिकित्सीय परामर्श लेना आवश्यक है.

4.9/5 - (8 votes)

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top