liver ki garmi ka ilaj

Liver Ki Garmi Ka Ilaj- लीवर की गर्मी दूर करने के उपाय

 

इस पोस्ट में लीवर की गर्मी का इलाज Liver ki Garmi Ka Ilaj के बारे में बताया गया है, साथ ही लीवर क्या है, लीवर का कार्य, लीवर की गर्मी के कारण, लक्षण, लीवर की सूजन कम कैसे करें, लीवर को कैसे स्वस्थ रखे, लीवर के ख़राब होने के संकेत और ठीक करने के उपायों के बारे में बताया गया है.

लीवर क्या है?

 

लीवर Liver जिसे हिंदी में यकृत कहते है, मानव शरीर का एक महतवपूर्ण अंग है. यह पेट के दाहिने ऊपरी  हिस्से में डायफ्राम के नीचे दाहिनी किडनी और छोटी अंत के ऊपर होता है. यह अंग शंकु के आकार का होता है, यह लाल-भूरे रंग का होता है. लीवर  Liver का वजन लगभग 1.3  से 1.5 kg तक होता है.

 

इसका मुख्य कार्य शरीर के मेटाबोलिज्म सुचारू रखना होता है. साथ ही प्रोतीन को संश्लेषित करना और पाचन के लिए जरुरी रसायन बनाना होता है. यह पित्त बनाने का काम भी करता है, जो यहाँ से पित्त की थैली में जाकर शरीर के काम को सुचारू रखता है.

लीवर की संरचना Structure of Liver

 

लीवर के 2 बड़े खंड Section होते है, जिन्हें बांया और दांया लोब कहा जाता है. इस लोब में हजारों लोब्यूल्स (छोटे लोब) भी होते है. ये लोब्यूल्स कई पित्त नलिकाओं, और ट्यूबों से जुड़े होते है, जो पित्त को लीवर में से छोटी आंत में ले जाने का कार्य करते है.

अंग्नाश्य pancreas और आंतों के कुछ हिस्सों के साथ, लीवर की नीचे पित्ताशय होता है. लीवर और ये अंग भोजन को पचाने और अवशोषित करने और साथ ही संसाधित करने के लिए मिलकर कार्य करते है.

लीवर का कार्य Work of Liver

 

पेट और आंतों से निकलने वाला सारा ब्लड लीवर से होकर गुजरता है. यह कई बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करता है. लीवर रक्त में ज्यादातर रासायनिक स्तरों को नियंत्रित करता है. लीवर के कार्य नीचे दिए गए है:

विषहरण Detoxification: लीवर रक्त से विषाक्त पदार्थों जैसे नशीली दवाओं और शराब को बहार निकलता है.

उपापचय Metabolism: ब्लड शुगर स्तर को स्थिर बनाये रखने के लिए लीवर रक्त में ग्लूकोज का उपपादन, भण्डारण और रिलीज़ करने में सहायता प्रदान करता है.

यह वसा और प्रोटीन को संशाधित करने में भी सहायता प्रदान करता है, उन्हें प्रयोग करने योग्य उर्जा में परिवर्तित करता है.

पित्त उत्पादन Bile Production: बाईल प्रोडक्शन, जो पाचन के दौरान छोटी आंत में अपशिस्ट उत्पादों को दूर करने और वसा को तोड़ने में सहायता करता है.

खून जमने में मदद: लीवर क्लॉटिंग कारक का निर्माण करता है जो रक्तश्राव को रोकने में मदद करता है. यह चोट लगने पर अत्यधिक रक्तश्राव को रोकता है.

हार्मोन विनियमन Hormone Regulation: यह इंसुलिन जैसे हार्मोन के प्रोडक्शन और संतुलन में सहायता करता है।

ग्लाइकोजन स्टोर: यह स्टोरेज के लिए अतिरिक्त ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में बदलता है. इस ग्लाइकोजन को बाद में जरूरत के अनुसार ऊर्जा के लिए वापस ग्लूकोज में परिवर्तित किया जा सकता है.

लीवर में गर्मी के लक्षण Symptoms of Heat in Liver

 

आपको कई बार लीवर में गर्मी का एहसास होता है, तो हम आपको लीवर में गर्मी होने के लक्षण  Symptoms of Heat in Liver बताते है जिसकी सहायता से आप यह पता लगा सकते है कि लीवर के अन्दर गर्मी है या नहीं:

  • खांसी का होना.
  • चिडचिडापन महसूस होना.
  • चक्कर आना.
  • गंभीर मामलों में हिमोपटिसिस होना.
  • सिर में सनसनाहट का होना.
  • अत्यधिक प्यास लगना.
  • नाड़ी की गति तेज़ होना.
  • मूंह में कड़वापन महसूस होना.
  • जीभ पर चिकनी व पीली कोटिंग जैसा महसूस होना.
  • आँखें और चेरा लाल होना.
  • पेशाब में जलन और गर्म पेशाब का आना.
  • मूंह का स्वाद बिगड़ना.
  • अधिक गर्मी का लगना.

इस तरह के लक्षण लीवर में अत्यधिक गर्मी की वहज से दिख सकते है.

लीवर की गर्मी के कारण Causes of Heat in Liver

 

शारीरिक और मानसिक समस्याओं के कारण लीवर में गर्मी हो सकती है. आइए लीवर की गर्मी के कारण Causes of Heat in Liver के बारे में जानते है:

  • गलत लाइफस्टाइल और खानपान
  • गर्म चीजों का सेवन
  • मानसिक समस्याएं
  • दवाइयों का सेवन
  • गलत ढंग से पके भोजन का सेवन

लीवर की सूजन कैसे कम करें Liver Me Soojan Ke Upay

 

  • लस्सी का सेवन करें.
  • ज्यादा मात्र में पानी पियें.
  • घी और तली हुई चीजों से परहेज़ करें.
  • मिर्च मसालों का कम से कम उपयोग करें.
  • चीनी और अन्य मीठी चीज़े खाने से दूरी बनायें रखें.
  • फलों में पपीता, सेब, आंवला, जामुन और लीची का सेवन करें.
  • रोटी की जगह फल और हरी सब्जिओं का सेवन करें.
  • सब्जिओं में पालक, टमाटर, करेला, लोकी, और गाजर भरपूर मात्र में खाएं.

लीवर को कैसे स्वस्थ रखें Liver Ko Theek Karne Ke Upay

 

  • धुम्रपान और शराब का सेवन बिलकुल न करें.
  • 1 दिन में 2 से 4 लीटर पानी जरूर पियें.
  • अत्यधिक मसालेदार और तला हुआ भोजन खाने से बचें.
  • रोजाना व्यायाम, योगा, और एक्सरसाइज जरूर करें.
  • नकली दावा खाने से बचें.
  • बिना किसी कारण के एंटीबायोटिक दावा लेने से बचें.

लिवर खराब होने से पूर्व शरीर कौन-कौन से संकेत देता है

 

  1. लीवर में होने वाली बीमारी का पता इतनी जल्दी नहीं चल पाता. अगर हम कुछ बातों पर ध्यान रखें तो जीवन में जब भी कोई प्रॉब्लम होगी शरीर में इसके कई तरह के संकेत दिखाई देने लगेंगे.
  2. कई बार हमारी गलतियों के कारण मंद जाता है जिससे शरीर की गंदगी बाहर नहीं निकल पाती है या कुछ मात्रा में शरीर में ही रह जाती है. शरीर में गंदगी जमा रहने से हमारे शरीर में बहुत सी समस्याएं पैदा हो सकती है.
  3. इसका सबसे बड़ा नुकसान लीवर को उठाना पड़ सकता है किडनी और लीवर हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है एक स्टडी में पाया गया है कि हमारे शरीर के फंक्शन से जुड़े 300 से ज्यादा काम अकेला लीवर ही करता है.
  4. शरीर में सबसे ज्यादा काम की जिम्मेदारी लीवर को ही उठानी पड़ती है. लीवर शरीर में 24 घंटे अपना काम करता रहता है. इसके कुछ खास काम है जैसे कि- शरीर में मौजूद फट को पचाने में सहायता करता है, भोजन करने से जो पोषक तत्व मिलते है, उनको शरीर के विकास में लगाता है.
  5. साथ ही लीवर शरीर में मौजूद विषैले पदार्थो को निकालने में सहायता करता है. अगर लीवर कमजोर पद रहा है या सही से काम नहीं कर पा रहा है तो शरीर हमें इसके कुछ संकेत देने लगता है. इन संकेतो की सहायता से लीवर का इलाज शुरू कर देना चाहिए, नहीं तो लीवर में अत्यधिक गंभीर परेशानी हो सकती है.

आइए समझते है लीवर में ज्यादा गंदगी जमा होने पर शरीर कौन-कौन से संकेत देता है:

  • थकन और सुस्ती.
  • शरीर का वजन बढ़ना.
  • पैर और एडियों में सूजन.
  • लीवर के आस-पास दर्द.
  • शरीर में इन्फेक्शन और एलर्जी

liver ki garmi ka ayurvedic ilaj in hindi

लीवर में सूजन का आयुर्वेदिक इलाज Liver Ki Garmi Ka Ayurvedic Ilaj in Hindi

 

आइए जानते है लीवर की गर्मी का इलाज Liver ki Garmi Ka Ilaj कैसे कर सकते है:

  • मुलेठी लीवर में सुजन को ठीक करने के लिए बहुत ही उपयोगी है. मुलेठी की जड़ को पीसकर उबलते हुए पानी में इस पाउडर को डाल दें और जब ये पानी ठंडा हो जाए तो इसे पी लें.
  • हल्दी के प्रयोग से लीवर की सूजन को ठीक कर सकते है, क्योंकि हल्दी में नेचुरल एंटीसेप्टिक पदार्थ पाए जाते है. रात में सोने से ठीक पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी मिला लें. इस हल्दी के दूध को पीने से लीवर के गर्मी Liver ki Garmi दूर हो जायेगी.
  • गेहूं के ज्वार में बहुत ही उपयोगी पोषक तत्त्व पाए जाते है, जिससे लीवर की बीमारी को ठीक किया जा सकता है. गेहूं के ज्वार का रस निकालकर पीने से लीवर की बीमारी दूर हो जायेगी.
  • पालक और गाजर जूस का दिन में दो बार सेवन करने से लीवर की सभी परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है.
  • रोजाना 100-100 ग्राम प्याज का सेवन करने से भी लीवर की बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.
  • हानिकारक पदार्थों को शरीर से बहार निकालने के लिए सेब का सिरका बहुत ही फायदेमंद है. 1 चम्मच शहद व 1 चम्मच सेब का सिरका 1 गिलास पानी में डालकर पीने से शरीर में बहुत सी बीमारियों से छुटकारा मिलता है. सेब के सिरके का उपयोग दिन में 2 बार करें. अगर आप अपना पेट कम करना चाहते है तो आप सेब का सिरका खाने से पहले पानी में मिलकर सेवन करें, इससे आपका पेट कम हो जाएगा. (और पढ़ें: सेब के सिरके के फायदे)
  • 1 गिलास लस्सी में थोड़ी सी कलि मिर्च पीसकर डालें, और साथ ही हींग और जीरा भी मिला लें, खाने के बाद इस लस्सी को पीने से लीवर की गर्मी दूर हो जायेगी.
  • पपीते और नींबू का रस मिलाकर पीने से भी लीवर की गर्मी दूर हो जायेगी. रोजाना दिन में तीन बार इस प्रक्रिया को अवश्य करें, इससे आपके लीवर की समस्या दूर हो जायेगी.
  • 1 गिलास पानी में 1 नींबू को निचोड़ ले, अब इसमें थोडा सा सेंधा नमक मिला लें. इस मिश्रण को लेने से आपके लीवर की समस्या और कमजोरी दूर हो जायेगी. इस प्रक्रिया को दिन में दो बार जरूर करें, इससे आपको लाभ मिलेगा.
  • आमले में अधिक मात्र में विटामिन-सी पाया जाता है, जो लीवर को काम करने में सहायता करता है. आमले का रस या आमले का चूर्ण रोजाना 2-3 बार लेने से लीवर की परेशानी दूर हो जायेगी.

 

लीवर की गर्मी से सम्बंधित: FAQs

👇

 

लीवर की कमजोरी को ठीक करने के लिए इन खाद्य पदार्थो का उपयोग करें जैसे की आंवला, ब्लैकबेरी, पालक और  पपीता.

नींबू, गाजर और गेहूं के ज्वार का रस पिने से भी लीवर की गर्मी दूर की जा सकती है.

लीवर में इन्फेक्शन के कुछ कारण ये हो सकते है जैसे कि धुम्रपान या नशा करना, शराब का सेवन, ज्यादा फास्ट फ़ूड करना और तेल, मसाले वाली चीजों का उपयोग लीवर को ख़राब कर सकता है.

लीवर की सूजन को कम करने के लिए अत्यधिक मात्र में पाने पीएं और लस्सी पीएं. फलों में पपीता, अमलां, सेब, जामुन और लीची का सेवन करें.

लीवर की बियोप्सी प्रक्रिया से डॉक्टर लीवर की जांच कर सकते है. इस प्रक्रिया में लीवर की जाँच के लिए आठ घंटे का समय लगता है. इस प्रक्रिया में डॉक्टर शरीर के अन्दर एक निडिल डालकर लीवर का एक छोटा सा टुकड़ा जांच के लिए बहार निकलते है.

 

निष्कर्ष:

 

मुझे उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट लिवर की गर्मी दूर करने के उपाय Liver ki Garmi ka Ilaj जरूर पसंद आई होगी. अगर आपके मन में इस पोस्ट से जुड़े कोई सवाल या सुझाव है तो आप नीचे कमेंट कर सकते है.

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